क्या वाकई नीति आयोग की मीटिंग में ममता बनर्जी का माइक हुआ था स्विच ऑफ? जानिए इस दावे की हकीकत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नीति आयोग की नौवीं गर्वनिंग काउंसिल मीटिंग को बीच में छोड़कर बाहर आ गईं. उन्होंने दावा किया कि उनका माइक स्विच ऑफ कर दिया गया. अब पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे की सच्चाई बताई है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गईं. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें ‘‘महज पांच मिनट बोलने के बाद’’ रोक दिया गया. उन्होंने 2024-25 के केंद्रीय बजट की भी आलोचना की और इसे ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ बताया. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उनके माइक को बंद कर दिया गया. हालांकि, सरकार की फैक्ट चैकिंग विंग PIB फैक्ट चेक ने इसे भ्रामक बताया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है.
PIB फैक्ट चेक ने दावे को बताया भ्रामक, निर्धारित वक्त हो गया था खत्म
PIB फैक्ट चेक ने लिखा, ' ऐसे दावे किए जा रहा हैं कि नीति आयोग की नौवीं गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जा का माइक स्विच ऑफ कर दिया गया. ये दावा भ्रामक है. घड़ी ने केवल ये दिखाया की उनके बोलने के लिए दिया गया निर्धारित वक्त खत्म हो गया है. हालांकि, इसका संकेत देने के लिए घंटी भी नहीं बजी थी. अल्फाबेटिकली, सीएम पश्चिम बंगाल की बारी लंच के बाद आएगी. पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के रूप में शामिल किया गया क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.'
▶️ Alphabetically, CM, West Bengal turn would have come after lunch.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 27, 2024
▶️ She was accommodated as the 7th speaker on an official request of the West Bengal government as she had to return early.
ममता बनर्जी ने कहा- ' आंध्र प्रदेश के सीएम को दिए 20 मिनट, असम-गोवा के सीएम को दिया 10 से 12 मिनट
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने बैठक से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा,‘मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए. असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी. मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया. यह अनुचित है.’ ममता ने कहा, ’विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं. मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए.’
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ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट की निंदा करते हुए कहा, ‘यह राजनीतिक एवं पक्षपातपूर्ण बजट है. मैंने कहा कि आप अन्य राज्यों के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हैं? नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं.’
03:15 PM IST